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Thursday, February 11, 2010

शिवरात्रि के दिन करने योग्य विशेष बातें


१. शिवरात्रि के दिन की शुरुआत ये श्लोक बोल के शुरू करें :-



देव देव महादेव नीलकंठ नमोस्तुते l

कर्तुम इच्छा म्याहम प्रोक्तं, शिवरात्रि व्रतं तव ll



२. किसी के घर में कम उम्र में लोग मर जाते हों तो वो बड़ा कटोरा लेकर उस में

पानी भर के उस कटोरे में धातु का (मेटल का) कछुआ रखे l महामृत्युंजय मंत्र का

जप करें और कछुए को तिलक कर के कटोरा ईशान कोण में रख दे ........ऐसा ७ या ११

अमावस्या तक करें ......लोटा पानी से भर के रखें ....७ वें या ११ वीं अमावस्या

को गीता के ७ वें अध्याय का पाठ करें .....छत पे जाकर सूर्य भगवान को प्रार्थना

करें कि.......यमराज आप का बेटा है, आप हमारी प्रार्थना उन तक पहुंचा दीजिये

....हमारे घर में ऐसी मृत्यु होती है.......दोबारा ऐसा ना हो इसलिए जो गुजर गए,

उन को गीता पाठ का पुण्य अर्पण करते हैं.......ऐसा ७ या ११ अमावस्या तक करें l



३. काल सर्प के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर पिसी हल्दी से

स्वस्तिक बना देना....शिवलिंग पर दूध और बिल्व पत्र चढ़ाकर जप कराना और रात को

ईशान कोण में मुख कर के जप करना l



४. शिवरात्रि के दिन ईशान कोण में मुख करके जप करने की महिमा विशेष है,

क्यूंकि ईशान के स्वामी शिव जी हैं l रात को जप करें, ईशान को दिया जलाकर पूर्व

के तरफ रखे, लेकिन हमारा मुख ईशान में हो तो विशेष लाभ होगा l जप करते समय झोखा

आये तो खड़े होकर जप करना l



५. कल महाशिवरात्रि को कोई मंदिर जाकर शिव जी पे दूध चढाते हैं तो ये ५ मंत्र

बोलें :-

ॐ हरये नमः

ॐ महेश्वराए नमः

ॐ शूलपानायाय नमः

ॐ पिनाकपनाये नमः

ॐ पशुपतये नमः



६. महाशिवरात्रि की रात को ११.४५ से १.३० बजे तक पूज्य सदगुरुदेवजी भगवान् के

स्वास्थ्य और दीर्घायु के संकल्प से महामृत्युंजय मंत्र का जप करें, पहले ११

बार खुद बोले (११ माला नहीं, सिर्फ ११ बार बोले) फिर बापूजी को १ माला समर्पित

करें l



Sureshanandji Haridwar 11.02.2010

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