अपनी शक्ति पर विश्वास
अयें मे हस्तो भगवान् अयं मे भगवत्तरः।
जो लोग कठिनतम कार्यो को करने में भी अपने को योग्य मानते हैं व अपनी शक्ति पर विश्वास करते हैं, वे चारों ओर अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न कर लेते हैं। जो अपने को असमर्थ मानते हैं, 'मेरी परीक्षा है, मेरे को बड़ा टेंशन है। क्या होगा ? क्या होगा ? क्या होगा ?' तो उनको उनके माँ बाप भी बोलते हैं कि हाँ-हाँ, हमको भी तेरी परीक्षा का टेंशन है। ऐसा मत करो, वैसा मत करो.... इससे बच्चों का मानसिक तनाव और बढ़ जाता है। और फिर कई माँ-बाप तो ऐसे भोले भगत बेचारे कि बच्चों के साथ परीक्षा केन्द्र की जगह पर खुद भी जाकर बैठ जाते हैं। नहीं, परीक्षा हो तो बेटे को, बेटी को कहो कि 'कोई बात नहीं बेटी ! जब तक तेरे पेपर पूरे नहीं होंगे तब तक हम भी टी.वी. नहीं देखेंगे। हम तेरे लिए ऐसा भोजन बनायेंगे जिससे तेरी यादशक्ति बढ़िया हो। परीक्षा ही तो है, और क्या है ! घबराना नहीं। तू ईश्वर का अंश है, बापू का मंत्र तुझे मिला हुआ है। बेटी ! देखना, तू अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होगी। हम तेरे लिए शुभ संकल्प करते हैं। हरि ॐ.... हरि ॐ... ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ऐसा करके उसकी हिम्मत बढ़ायें।
कठिन कार्य करने में भी जो अपने को योग्य मानते हैं, वे जरूर अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करके अपने कार्य में सफल हो जाते है, फिर चाहे दुकान-धंधे-व्यापार का काम हो, विद्यार्थियों की परीक्षा हो, साधना हो, भक्ति हो सब में सफल हो जाते हैं।
Wednesday, June 30, 2010
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1 comment:
good post really motivating
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