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Monday, June 28, 2010

The world is not your home, You are to live here for a few days only, Recollect about your own kingdom, Where you are the unchallenged master.’


मनुष्य जन्म दुर्लभ है, बार-बार नहीं मिलेगा। 'अबके बिछड़े कब मिलेंगे, जाय पड़ेंगे दूर।' बड़े में बड़ा दुःख है जन्म-मृत्यु का और बड़े में बड़ा सुख है मुक्ति का। ऐ प्यारे ! आज ही शुद्ध संकल्प करो कि इसी जन्म में हम मोक्ष प्राप्त करेंगे।

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