माता पिता पूजन दिन 14 फेब्रुअरी
देर रात को भी बिना किसी शिकायत के मेरी मनपसंद सब्जी के साथ मेरी राह
देखती मां की सबसे ज्यादा कीमत मुझे अब समझ में आती है। वाकई कितना आसान था
उस समय उसे यह कह देना कि- मैं तो बाहर से खाकर आया हूं। आज नौकरी के चलते
घर से दूर आया हूं। यहां अपने कपड़े खुद धो रहा हूं और रोज बाहर का
कच्चा-पक्का खा रहा हूं, तब समझ में आ रहा है कि मां को वो इंतजार और उसके
बाद मिलने वाला मेरा जवाब कितना चुभता होगा पर उसने कभी शिकायत नहीं की।
माँ की यह बाते कभी नहीं भूल सकते तो आवो मिलकर उन्हें सन्मानित करे उनके पूजन से 14 फेब को माता पिता पूजन दिन 14 फेब्रुअरी
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