हमारा नजरिया हमारे व्यक्तित्व का आईना होता है। अगर हम किसी की कमियों को देखना शुरू करते हैं, तब उसमें हमें केवल बुराइयां ही दिखाई देती हैं, अच्छाइयां नहीं। लेकिन अच्छाइयां देखना शुरू करें, तब हमें उसकी केवल अच्छाइयां ही दिखाई देंगी। अगर नजरिए में सकारात्मकता है, तब जीवन में मधुरता रहेगी।
Friday, January 25, 2013
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment