Saturday, April 24, 2010
शरीर आदि बदलनेवाले हैं और आप न बदलनेवाले हैं।आपने भूलसे अपनेको उनसे मिला हुआ मान लिया।बस,इसको आप मत मानो।हम उनसे मिले हुए हैं-ऐसा दीखनेपर भी इसको आदर मत दो,प्रत्युत अपने अनुभव को आदर दो कि मैं उनसे अलग हूँ।कैसे अलग हूँ कि बचपनसे लेकर अबतक शरीर बदल गया,पर मैं वही हूँ।यह बिलकुल प्रत्यक्ष अनुभवकी बात है।आप शरीर आदिसे अलग हैं तभी तो बचपन बीत गया और आप रह गये।
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