बचपन खेलकूद में और जवानी अभिमान में खोयी…
बस खेल में बिताया
बचपन वो प्यारा प्यारा
यौवन के मद में खोकर
सारा समय गवाया
जिस तन को तू सवारा
सब देखते रहेंगे
अग्नि में वो जलेगा
ना रूप साथ देगा
ना रंग साथ देगा
सद् गुरू बिन जहां में
कोई ना साथ देगा
Thursday, April 1, 2010
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