परम प्रभु को अपना भज कर,
पथिक तुम्हे योगी होना है,
चाहे हरा दो बाजी,चाहे जीता दो बाजि,
...
तुम हो जिस्न्मे राजी हम भी उसी मै राजी,
हें हृद्यास्वर हें प्रानेस्वार हें सर्वेश्वर हें परमेश्वर,
विनती यह स्वीकार करो भूल दिखा कर,
उसे मिटा कर अपना प्रेम प्रदान करो,
Wednesday, July 7, 2010
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